जिन शूटरों ने अतीक को मारा वो आज कहां हैं? किस हाल में जी रहे उनके परिवार!

Date:

गैंगस्टर अतीक अहमद की हत्या को सालभर से ज्यादा बीता, लेकिन उत्तर प्रदेश के तीन घरों का कैलेंडर वहीं ठिठका हुआ है. ये वे परिवार हैं, जिनके बच्चों ने अतीक को गोलियों से भून डाला था. तीनों युवक जेल में हैं, लेकिन इनके परिवारों की कैद भी कुछ कम नहीं. aajtak.in ने बच्चों के जुर्म के नीचे दबे इन्हीं परिवारों को टटोला.

अतीक अहमद की हत्या को सालभर से ज्यादा समय हो चुका. ये ‘आजतक’ का कैमरा ही था जिसके जरिए पूरी दुनिया ने पुलिस सुरक्षा के बीच मीडिया से घिरे दो बड़े गैंगस्टर को कुछ युवकों द्वारा गोली मारकर मौत के घाट उतारते देखा. आज अतीक के महलनुमा घर समेत उसका खौफ भी खंडहर हो चुका. अब इस नाम से कोई नहीं कांपता, सिवाय तीन परिवारों के.

अतीक के शूटरों से जुड़े ये परिवार अनजान लोगों से मिलने पर मुस्कुराते नहीं, धड़ाक से दरवाजा भिड़ा देते हैं. कासगंज की ऐसी ही एक मां ने अधबंद दरवाजे की ओट से कहा- आप लोग पूछकर चले जाएंगे, हम बचे-खुचे भी तबाह हो जाएंगे.

कीचड़-गर्दभरे रास्ते से होते हुए हम कासगंज के एक मकान तक पहुंचते हैं. गांववालों का झुंड भी साथ चलता हुआ. उन्हीं की आवाज पर दरवाजा खुला, लेकिन अनजान चेहरे देखते ही तुरंत आधा बंद हो गया. आड़ से ही आवाज आती है- ‘इतनी रात आने का क्या परयोजन (मतलब)! घर में लड़के-बच्चे हैं. बिजली गुल है. तुम जाओ.’

मनुहार पर किवाड़ तो खुले लेकिन जबान नहीं. बुत जैसा चेहरा लिए मां कहती है- बड़ा लड़का तो गंवा ही दिया. अब जो बाकी है, तुमसे बातचीत में वो भी छिन जाएगा…आवाज में कच्चे घर की दीवारों से भी ज्यादा सीलन.

कासगंज की ये अम्मा उन शूटर्स में से एक की मां है, जिन्होंने गैंगस्टर अतीक अहमद को मारा. ये हत्यारे जुर्म की दुनिया में जाना-पहचाना चेहरा नहीं. कथित तौर पर नाम के लिए ही उन्होंने ऐसा काम किया. वे तो जेल में हैं, लेकिन पीछे छूटे परिवारों की कैद किसी पुलिसिया रिकॉर्ड में दर्ज नहीं. उत्तर प्रदेश के तीन जिलों में लगभग अंडरग्राउंड जिंदगी जी रहे ये लोग हर नए चेहरे से डरते और पुराने चेहरे से बचते हैं. इन्हीं लोगों को हमने टटोला. 

हमारा पहला पड़ाव था हमीरपुर का वो गांव, जहां शूटर सनी सिंह रहता था.

उसके घर तक पहुंचाने का जिम्मा लेते हुए स्थानीय शख्स कहता है- ‘सीधे-सादे लोग हैं.चींटी मारते भी डरें ऐसे. अब इतने बड़े लंदफंद में फंस गए.’ फिर कुछ ठहरकर- ‘काम छूटने से भाई शराबी हो गया. बच्चे भूखों मरते हैं. कोई बात करने जाए तो

पैसे मांगता है लेकिन मुंह नहीं खोलता. आप भी परख लीजिए.’

गली के मुहाने पर दो छोटे-छोटे मकान. इन्हीं में एक घर वो था, जहां पहले सनी रहता था.

घटना के बाद दो कमरों के घर में पुलिस चौकी बन गई, जिसका काम बगल में बसे सनी के परिवार की सेफ्टी था. अब घर खाली पड़ा है. बे-ताला दरवाजा. कुंडी सरकाकर अंदर जाएं तो पुलिस की मौजूदगी के निशान दिखते हैं. टूटी कुर्सियां, छूटी बोतलें और दीमक खाया तखत. घर के असल मालिक की यहां कोई छाप नहीं. न कोई तस्वीर. न

न बर्तन. न ही कोई तौलिया-कपड़ा. खाली और खुले पड़े इस घर में कोई नहीं आता. चोर-उचक्के तक नहीं.

सामने ही सनी के घरवाले रहते हैं. भाई-भाभी और बच्चे. दरवाजा खुलते ही मैं पहले और अकेले कमरे में खड़ी हूं. चीकट-झूलते हुए खटोले पर सालभर का बच्चा सोया हुआ. बड़े भाई पिंटू इसी के एक कोने में खुद बैठते हुए मुझे दूसरा कोना दिखा देते हैं.

कई किस्तों में बातचीत हुई. कभी कैमरे पर. कभी उसके बगैर. बोलते हुए वे बार-बार तसल्ली करते हैं- आप बयान तो नहीं ले रहीं! हम कम पढ़े-लिखे लोग हैं. ऐसा मत कीजिएगा.

वे कहते हैं- हमको नहीं पता, क्या हुआ, क्या नहीं. उस रात समाचार में देखा तब जाना कि कुछ बड़ा कांड हो गया है. फिर पुलिस घर आ गई. सामने ही सनी के घर पर लगभग पूरा साल रही. हम कहीं भी जाते तो साथ चलती. सेफ्टी के लिए.

Daily Opinion Stars
Daily Opinion Starshttps://dailyopinionstars.com
Welcome to Daily Opinion Stars, your go-to destination for insightful opinions, in-depth analysis, and thought-provoking commentary on the latest trends, news, and issues that matter. We are dedicated to delivering high-quality content that informs, inspires, and engages our diverse readership.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

“Repeatedly Raped By Cop 4 Times”: Maharashtra Doctor’s Final Note Reveals Harrowing Ordeal

A Maharashtra doctor’s suicide note has exposed repeated sexual assault by a police officer, raising questions about institutional failures, abuse of power, and the urgent need for justice.

১৩ নভেম্বরের রায়: শেখ হাসিনার ভাগ্যেই কি লুকিয়ে আছে বাংলাদেশের ভবিষ্যৎ?

সাবেক প্রধানমন্ত্রী শেখ হাসিনার বিচার বাংলাদেশের রাজনীতিতে এক ঐতিহাসিক মুহূর্ত তৈরি করেছে। রায়ের ফলাফল শুধু একজন নেত্রীর ভাগ্য নয়, বরং দেশের গণতন্ত্র ও ন্যায়বিচারের ভবিষ্যৎ নির্ধারণ করবে।

India–U.S. Trade Deal to Cut Tariffs to 15–16%: A New Chapter in Economic Cooperation

India and the U.S. are nearing a major trade breakthrough that will reduce tariffs on Indian exports to around 15–16%. The deal is expected to boost Indian industries, open new markets for U.S. products, and strengthen the strategic economic partnership between the two democracies.

ন্যায়বিচারের নতুন অধ্যায়: মানবতাবিরোধী অপরাধে সেনা কর্মকর্তাদের হাজিরার নির্দেশের তাৎপর্য

আন্তর্জাতিক অপরাধ ট্রাইব্যুনালের সাম্প্রতিক নির্দেশে মানবতাবিরোধী অপরাধে সেনা কর্মকর্তাদের হাজিরার আদেশ বাংলাদেশের ন্যায়বিচার ও রাষ্ট্রীয় জবাবদিহিতার নতুন অধ্যায় উন্মোচন করেছে।