बांग्लादेश में राजनीतिक तख्तापलट के बीच शेख हसीना भागकर भारत आ गईं. इसे लेकर बांग्लादेश में उनके विरोधी भारत से नाराज हैं. खालिदा जिया की पार्टी ने कहा है कि अगर भारत बांग्लादेश से अच्छे रिश्ते चाहता है तो उसे शेख हसीना की मदद नहीं करनी चाहिए.
बांग्लादेश में छात्र आंदोलन को लेकर फैली अशांति के बीच शेख हसीना प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा देकर भारत चली आई थीं और फिलहाल यही हैं. इसे लेकर उनकी कट्टर प्रतिद्वंद्वी और बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) भारत पर भड़क गई है. पार्टी ने कहा है कि अगर भारत शेख हसीना की मदद करेगा तो उससे सहयोग जारी रखना मुश्किल हो जाएगा.
बीएनपी के वरिष्ठ नेता और मंत्री रह चुके गेश्वर रॉय ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए कहा कि उनकी पार्टी भारत और बांग्लादेश के बीच पारस्परिक सहयोग का समर्थन करती है. लेकिन, “अगर आप हमारी दुश्मन की मदद करेंगे तो हमारे लिए पारस्परिक सहयोग को जारी रखना मुश्किल हो जाएगा.’
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भारत ने शेख हसीना के सत्ता में दोबारा वापसी का समर्थन किया था. गेश्वर रॉय ने आगे कहा, ‘शेख हसीना को भारत ढो रहा है… भारत और बांग्लादेश के लोगों को एक-दूसरे से कोई दिक्कत नहीं है. लेकिन क्या भारत को पूरे देश की जगह एक पार्टी को बढ़ावा देना चाहिए?
भारत में रह रहीं शेख हसीना कहां जाएंगी?
शेख हसीना फिलहाल भारत में रह रही हैं लेकिन वो कहां जाएंगी, इसे लेकर असमंजस बरकरार है. अभी यह स्पष्ट नहीं है कि वो भारत में ही रहेंगी, किसी दूसरे देश से शरण की मांग करेंगी या फिर वापस बांग्लादेश लौट जाएंगी.
इस बीच उनके बेटे सजीब वाजेद ने हाल ही में कहा था कि बांग्लादेश में लोकतंत्र की बहाली होते ही उनकी मां वापस वतन लौट जाएंगी. बांग्लादेश से भागने के बाद शेख हसीना का कोई बयान सामने नहीं आया है, हालांकि, उनके बेटे सजीब वाजेद लगातार मीडिया से बात कर रहे हैं. उन्होंने अपनी मां की सुरक्षा करने के लिए भारत सरकार का धन्यवाद किया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति अपनी कृतज्ञता जताई है.
साथ ही उन्होंने उन रिपोर्ट्स को भी खारिज किया है जिसमें कहा जा रहा है कि शेख हसीना ने ब्रिटेन में राजनीतिक शरण की मांग की है.
बांग्लादेश में अंतरिम सरकार का गठन
इस बीच गुरुवार शाम को बांग्लादेश के नोबेल शांति पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री मोहम्मद यूनुस ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में शपथ ले ली है. उन्हें राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने शपथ दिलाई. शपथ लेने के बाद यूनुस ने कहा कि मैं संविधान की रक्षा करूंगा और उसका संरक्षण करूंगा.