सत्ता बदलने के साथ ही बांग्लादेश के तेवर भी बदल गए. अब वहां बहुत से लोग भारत-विरोधी बयान दे रहे हैं. यहां तक कि ढाका यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर ने पाक…सत्तर के दशक में बांग्लादेश लड़-झगड़कर पाकिस्तान से अलग हुआ था. अब शेख हसीना सरकार के जाने के बाद यही देश भारत विरोध में इतना रमा कि पाकिस्तान को अपना…
इस संधि ने रोक रखा है
दुनिया में कई देश हैं, जो काफी शक्तिशाली हैं लेकिन इसके बाद भी उनके पास न्यूक्लियर ताकत नहीं. जैसे जर्मनी, दक्षिण कोरिया और जाप…इस संधि का नाम न्यूक्लियर नॉन-प्रोलिफेरेशन ट्रीटी (एपीटी) है. पचास के दशक में जब नॉर्थ और साउथ कोरिया में फसाद शुरू हुआ, तब अमेरिका और यूएन ने सैन्य ह…इसी तरह से जर्मनी भी एनटीपी का हिस्सा है. परमाणु हथियारों के प्रसार को रोकने के लिए हुई ये ट्रीटी परमाणु और गैर-परमाणु शक्तियों के बीच एक संतुलन बनाने…
संधि की शर्तों पर कई देश एतराज भी जताते रहे
उनका तर्क है कि इस तरह से कुछ देश मजबूत बने हुए हैं और बाकियों को खुद पर निर्भर बनाए हुए हैं. दूसरे देश क… संधि में शामिल सभी देशों पर अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी का कंट्रोल है. वो समय-समय पर चेक करती है कि देश कहीं चुपके-चुपके हथियार बनाने पर काम तो…
गुप्त रूप से बनते रहे हथियार
इन सबसे ऐसा लगता है कि कोई देश चाहने भर से न्यूक्लियर पावर बन सकता है अगर वो संधि से बाहर निकल जाए. ऐसा वाकई में है. संध…इधर चूंकि पाकिस्तान संधि से बाहर है और न्यूक्लियर वेपन भी बना चुका तो ढाका चाहकर भी उसकी मदद नहीं ले सकता. इसका दूसरा पहलू ये भी है कि पाकिस्तान खुद ज…